Winter Weather and Stroke Risk: सर्दियों का मौसम आते ही स्ट्रोक की संभावनाएं 30 फीसदी तक बढ़ जाती हैं. नई दिल्ली स्थित पीएसआरआई अस्पताल के एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है. पीएसआरआई अस्पताल के न्यूरोसाइंसेज विभाग के डॉ. अमित वास्तव ने कहा कि ठंड के महीनों में सभी प्रकार के स्ट्रोक के मामलों में वृद्धि हो सकती है. लोगों में स्ट्रोक के लक्षणों और समय पर इलाज के महत्व के बारे में जागरुकता को अधिक प्रमुखता दी जानी चाहिए. स्ट्रोक के प्रथम 24 घंटों के भीतर समय पर इलाज से नुकसान को दूर करने का 70 प्रतिशत मौका मिलता है. समय पर समुचित इलाज की मदद से स्ट्रोक के मरीज पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं. स्ट्रोक पर विजय पाने वाले ये मरीज इस बात के सबूत हैं.
क्या है सर्दियों में स्ट्रोक के मामले बढ़ने की वजह
पहले हुए कई अध्ययनों के अनुसार सर्दियों के महीनों में इंफेक्शन की दर में वृद्धि, व्यायाम की कमी और हाई ब्लड प्रैशर, स्ट्रोक की बढ़ी हुई घटनाओं का कारण थे. सर्दियों के दौरान वायु काफी हद तक प्रदूषित रहती है. प्रदूषित वायु के कारण लोगों की छाती और हृदय की स्थिति और भी बिगड़ जाती है.
किसे होता है स्ट्रोक
स्ट्रोक किसी भी व्यक्ति को, किसी भी उम्र में हो सकता है. यह महिला और पुरुष दोनों को हो सकता है. आज चिंता की बात यह है कि स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं और स्ट्रोक होने की उम्र घट रही है. आज स्ट्रोक के 12 प्रतिशत मरीज 40 साल से कम उम्र के होते हैं. जो लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह, उच्च रक्त कालेस्ट्रॉल से ग्रस्त हैं, उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा अधिक हो सकता है. गर्भनिरोधक दवाइयां लेने वाली महिलाओं को इसका अधिक खतरा होता है.
क्या करें स्ट्रोक आने पर-
स्ट्रोक से खुद को कैसे बचाया जाए और विकलांगता को रोकने के लिए क्या उपचार करने चाहिए, इस पर डॉ. सुमित गोयल ने कहा कि ऐसी अवधि में किसी भी व्यक्ति को अगर सही इलाज मिले तो उसमें काफी सुधार हो सकता है. किसी भी व्यक्ति को अगर हाथ में कमजोरी या कभी बोलने में कठिनाई होती है तो बिल्कुल सतर्क रहना चाहिए. ऐसी स्थिति में रोगी को किसी पास के अस्पताल में ले जाना चाहिए, जहां 24 गुना 7 सीटी स्कैन, एमआरआई की सेवा उपलब्ध हो. लक्षण के शुरुआती घंटे के भीतर उसका इलाज कर बचाया जा सकता है.