Rajasthan Political Crisis: राजस्थान(Rajasthan) में सियासी उठापटक का आज 21वां दिन है. भले ही गहलोत कैबिनेट के विधानसभा सत्र आहूत करने सम्बंधित प्रस्ताव को राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंजूरी दे दी है. लेकिन अब अभी राज्य में सियासी घमसान थमा नहीं है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को एक बार फिर से पूरे प्रकरण में बीजेपी का हाथ बताते हुए तंज कसा है.
राजधानी जयपुर में सीएम गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का ‘रेट’ बढ़ गया है. इससे पहले पहली किश्त 10 करोड़ और दूसरी किश्त 15 करोड़ रुपये थी. अब यह असीमित हो गई है.’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी विधायकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने पहली किस्त नहीं ली है, उन्हें वापस आना चाहिए.
इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने एक बार फिर अपनी सरकार गिराने के षड़यंत्र का BJP पर आरोप लगते हुए जमकर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार गिराने का पूरा खेल बीजेपी ने रचा है. उनके नेताओं को जनता माफ नहीं करेगी. मुख्यमंत्री ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस साजिश में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत नाम सामने आया, लेकिन अभी तक उनका इस्तीफा नहीं हुआ है. कांग्रेस राज में ऐसा करने वाले मंत्रियों का इस्तीफा हो जाता था.
वहीं, पार्टी के बागी विधायकों की ओर इशारा करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि अगर किसी को नाराजगी है तो वो पार्टी आलाकमान, AICC के पास जाए, प्रदेश कांग्रेस कमेटी में आए. आप सभी कांग्रेस के हाथ के निशान पर जीतकर आए हैं. ऐसे में आपको सरकार के साथ आना चाहिए.
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा बीतें दिनों उनपर हमला करने को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि वह मजबूरी में बयान दे रही हैं. क्या मायावती के चुनौतियों से सीएम गहलोत परेशान है? इस सवाल के जवाब में अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे जो भी परिस्थितियों हो मैं तनाव में नहीं रहता. मुझे गॉड गिफ्ट मिला है, हालात चाहे कैसे भी हों मैं सत्य के साथ रहता हूं. उल्लेखनीय है कि राजस्थान विधानसभा के सभी छह बसपा विधयाकों ने अपने विवेक के हिसाब से महीनो पहले राजस्थान विधानसभा के स्पीकर को अपने कांग्रेस में विलय होने की अर्जी दी थी. जिसे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने स्वीकार कर लिया था.