अमेरिका ने कहा है कि वह भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए नई दिल्ली और अन्य देशों के साथ ‘रचनात्मक’ सहयोग करता रहेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता एलिजाबेथ थ्रुडेउ ने शुक्रवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘‘हम आने वाले महीनों में भारत को समूह की सदस्यता के लिये भारत और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के सदस्यों के साथ सहयोग कर रहे हैं, करते रहेंगे और इस दिशा में रचनात्मक कार्य जारी रखेंगे।’’
हालांकि, उन्होंने इस मुद्दे पर अमेरिका की चीन के साथ होने वाली बातचीत के बारे में किये गये सवाल का जवाब नहीं दिया। चीन ही एक मात्र ऐसा प्रमुख देश है, जो एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत का विरोध कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन के साथ विशेष बातचीत के बारे में मुझे पता है कि आप लोग फिर से यह सवाल पूछेंगे, इसलिये मेरे पास उस पर बताने के लिए कुछ नहीं है।’’ उन्होंने ने कहा, ‘‘हम 2010 से ही इस मसले पर बहुत स्पष्ट हैं। अमेरिका ने चार बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की पूर्ण सदस्यता के लिए अपना स्पष्ट समर्थन दिया है। हमें पूरा भरोसा है कि भारत एनएसजी के लिए तैयार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछली बैठक के दौरान एनएसजी में शामिल देशों के बीच किसी नये प्रतिभागी को समूह में शामिल करने के लिए आम सहमति नहीं बन सकी। हमें इससे बहुत निराशा हुयी।’’ उन्होंने कहा कि एनएसजी में कोई भी निर्णय आम सहमति से ही लिये जाते हैं।