चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिये बड़ी खबर है। देशभर के तीर्थयात्रियों के लिये शर्तों के साथ कोरोनाकाल में चारधाम की यात्रा खोल दी गई है। उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की है की देश भर के तीर्थयात्रियों को चारधाम यात्रा की अनुमति केवल तभी दी जाएगी जब उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव हो और साथ ही यात्रा करने लिए अन्य कुछ दिशानिर्देश भी होंगे ।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने रविवार को जानकारी देते हुए कहा कि, “त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार ने अन्य राज्यो से आने वाले श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा में भाग लेने की अनुमति दे दी है। लेकिन उनके पास उत्तराखंड आने के 72 घंटे पहले तक कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। साथ ही सरकार ने अन्य पर्यटकों के लिए 72 घंटे पहले आईसीएमआर से मान्यता प्राप्त लैब से जांच करने वाले पर्यटकों को प्रदेश में आने की अनुमति दी है।”
इस फैसले के बाद से चारधाम यात्रा की इच्छा रखने वाले श्रद्धालु काफी खुश हैं क्योंकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगा रखी थी। अब तक इससे पहले केवल उत्तराखंड के निवासियों को केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के चार श्रद्धालुओं के चारधाम जाने की अनुमति थी।
क्या हैं दिशानिर्देश –
मंदिरों के मुख्य गर्भगृह के अंदर प्रवेश करने, किसी भी देवता की मूर्ति को छूने और फूल या मिठाई जैसे प्रसाद लाने पर प्रतिबंध लागू है। भक्तों को इन सब बातों को ध्यान रखना होगा। प्रत्येक धाम में, भक्तों को केवल एक रात के लिए रहने की अनुमति होगी और उन्हें यात्रा करने और रहने के दौरान सामाजिक दूरियों के मानदंडों का पालन करना होगा।
साथ ही दिशानिर्देशों के अनुसार, तीर्थयात्रियों के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित है, जैसे केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600, बद्रीनाथ के लिए 1200 और यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालु ही दर्शन कर सकते हैं। प्रत्येक तीर्थयात्री को पहचान और पते का प्रमाण के साथ कोविद -19 नकारात्मक रिपोर्ट होनी चाहिए।
सरकारी दिशानिर्देश में कंटेनमेंट जोन के लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं चार धाम यात्रा के लिए कंटेनमेंट जोन के लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। उनको फिलहाल इस यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी गई है। क्वारंटाइन में रह रहे लोग भी यात्रा पर नहीं जा पाएंगे।
कैसे करें बुकिंग –
यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करेंगे। उन्हें पंजीकरण के साथ अपनी आईडी, कोविड 19 निगेटिव रिपोर्ट भी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। इसके अलावा वेबसाइट पर अपलोड किए गए दस्तावेजों की मूल प्रति अपने पास रखना भी अनिवार्य होगा। क्वारंटीन अवधि पूरी करने वाले श्रद्धालु वेबसाइट पर फोटो आईडी अपलोड कर अपना पास प्राप्त करेंगे और मंदिरों में जा सकेंगे। यदि कोई पर्यटक बिना जांच के लिए आता है तो उसे सात दिन के लिए होटल की बुकिंग करनी होगी और सात दिन तक होटल में रहना होगा। इसके बाद ही वे प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में जा सकते हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हर साल आमतौर पर अप्रैल-मई में शुरू होने वाली यह यात्रा इस बार जून तक नहीं शुरू हो पाई है। बहुत सोच-विचार के बाद उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से यात्रा को शुरू करने की अनुमति दी है। अगर पिछले साल की बात करें तो, 38 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पहाड़ी राज्य के चार तीर्थस्थलों का दौरा किया था। कोविद -19 के प्रकोप के कारण इस सीजन में, राज्य पर्यटन उद्योग को कांवड़ यात्रा और चार धाम के रद्द होने से 1200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।