Jaipur: राजस्थान की सियासत में हर दिन नए मोड़ आ रहे है. सोमवार को अशोक गहलोत सरकार की कैबिनेट के तरफ से विधानसभा सत्र को आहूत करने के लिए राज्यपाल को भेजे गए प्रस्ताव पर राज्यपाल ने एक तरीके से हामी भर दी. दिन भर यह सूबे की सियासी गलियारों में चर्चा का केंद्र भी बना रहा. दरअसल, यह सब राजभवन की ओर से जारी एक बयान के साथ शुरू हुआ. जिसमे यह कहा गया कि राज्यपाल की मंशा यह कतई नहीं है कि विधानसभा का सत्र न बुलाया जाए.
राजभवन की ओर से जारी बयान में राज्य सरकार से कहा गया है कि वो सत्र बुलाने की कार्यवाही शुरू करें. लेकिन इसके साथ ही तीन शर्तों का खास ध्यान रखने को कहा गया है. ये शर्तें है:
1. राजभवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘महामहिम’ की सलाह है कि विधानसभा सत्र के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए.
2. यदि किसी परिस्थिति में विश्वासमत हासिल करने की विधानसभा सत्र में नौबत आती है तो सभी प्रक्रिया संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की उपस्थिति में की जाए. साथ ही पूरी प्रक्रिया के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए.
3. कोरोना से बचने के लिए 200 विधायकों और कम से कम 100 अधिकारियों की सोशल डिस्टेंसिंग के इंतज़ामों का ख़याल रखा जाए.
इससे पहले गवर्नर कलराज मिश्र ने एक बयान में कहा, ‘राज्यपाल की मंशा यह कतई नहीं है कि विधानसभा का सत्र न बुलाया जाए. उन्होंने यह पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री विश्वास मत लाना चाहते हैं. क्या आप विश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं? प्रस्ताव में इसका कहीं उल्लेख नहीं है लेकिन पब्लिक और मीडिया में आप (मुख्यमंत्री अशोक गहलोत) बयान दे रहे हैं कि आप कॉन्फिडेंस मोशन लाना चाहते हैं.’ इसके साथ ही राज्यपाल ने यह भी कहा है कि कोरोना वायरस की महामारी के दौरान सभी विधायकों को अल्प सूचना पर कॉल करना मुश्किल होगा “क्या आप विधायकों को 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले शुक्रवार को जब राज्यपाल कलराज मिश्रा ने सीएम अशोक गहलोत के पहले प्रस्ताव को खारिज कर दिया था तो इसके कारणों का जिक्र किया था. उन्होंने ध्यान दिलाया था कि प्रस्ताव में किसी एजेंडे का उल्लेख नहीं है. साथ ही उन्होंने इसके लिए एक तारीख का भी मांग किया था.
राज्यपाल के बर्ताव पर पीएम मोदी से की बात: सीएम गहलोत
उधर, सोमवार को राज्यपाल द्वारा विधानसभा सत्र को आहूत करने सम्बंधित कैबिनेट प्रस्ताव को लौटाने के कुछ ही घंटों बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है. सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से फ़ोन पर हुए बात की जानकारी देते हुए कहा कि मैंने कल पीएम मोदी से फोन पर बात की और उनको राज्यपाल कलराज मिश्र के बर्ताव के बारे में बताया. साथ ही सात दिन पहले जो लेटर लिखा था, उसे लेकर भी बात की.