कोरोना का केंद्र बने धारावी में देश का पहला प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाया जा रहा है। इसकी शुरुआत पुलिसकर्मियों से की जा रही है। कोरोना को मात दे चुके जवानों की सोमवार-मंगलवार को स्क्रीनिंग की गई। अगले चरण में कोरोना को हराने वाले आम मुंबईकर की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके बाद सोमवार 27 जुलाई को प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाया जाएगा।
इस तरह के पहले आयोजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्षेत्र के सांसद राहुल शेवाले का कहना है कि कम से कम 500 लोगों का प्लाज्मा दान कराने का लक्ष्य रखा है। इनका प्लाज्मा कई कोरोना मरीजों को नया जीवनदान दे सकता है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दुनिया की सबसे बड़ी प्लाज्मा थैरेपी ट्रायल सेंटर का उद्घाटन किया। यह सेंटर नागपुर के गवर्नमेंट मेडिकल कालेज में बनाया गया है। अब धारावी में पहला प्लाज्मा डोनेशन कैंप लगाया जा रहा है। धारावी के कैंप में प्लाज्मा निकालने का काम बीएमसी के सायन, केईएम, नायर और कूपर अस्पताल के डाक्टर करेंगे। प्लाज्मा थैरेपी की तरफ सरकार और डाक्टरों के बढ़ते रुझान की बड़ी वजह यह है कि प्रायोगिक तौर पर अप्रैल से जिन 10 मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी दी गई थी, उनमें से 9 मरीज ठीक हो गए हैं और 7 मरीजों को उनके घर भेजा जा चुका है।
इसमें धारावी और आसपास के इलाकों के लगभग 500 कोरोना से ठीक हुए मरीजों ने अपना प्लाज्मा दान करने पर सहमति जताई। धारावी के एक सामाजिक कार्यकर्ता सतीश कटके (42), जिन्होंने अपने प्लाज्मा को दान करने के लिए स्वेच्छा से कहा है: “जब क्षेत्र में मामले चरम पर थे, तो मैं और मेरी पत्नी संक्रमित हो गए। हमें ठीक होने में कई दिन लग गए और हम पहले से मुश्किलों को जानते हैं। अगर हम किसी और को तेजी से ठीक करने में मदद कर सकते हैं, तो हमें बहुत खुशी होगी। ”
सामाजिक धूल फांकने के नियमों का पालन करते हुए, उनमें से लगभग 50 का प्रारंभिक परीक्षण आज धारावी में उपस्थिति में पारित किया गया। इन दानदाताओं में धारावी के नागरिक, पुलिस अधिकारी, डॉक्टर और शिवसेना के पदाधिकारी शामिल थे। किरण दिघावकर, सहायक आयुक्त, मुंबई नगर निगम, डॉ। अनिल पचनेकर, कॉर्पोरेटर वसंत नकाशे, कॉर्पोरेटर मारियामल मुट्टू तेवर, धारावी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
इससे पहले गुरुवार को भीड़भाड़ एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी में शिविर लगाया था, जिसमें सायन अस्पताल के नागरिक अधिकारियों और डॉक्टरों ने 49 कोविद -19 रोगियों की जांच की और उनके रक्त के नमूने लिए। जो पात्र पाए गए उन्हें अब अपने प्लाज्मा का दान करने के लिए केईएम, सायन या नायर अस्पताल बुलाया जाएगा, जिसका उपयोग गंभीर रूप से बीमार लोगों के इलाज के लिए किया जाएगा।
कोरोना से जूझकर ठीक हुआ मरीज 28 दिन के बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकता है। अब तक धारावी में 2,492 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इसमें धारावी पुलिस स्टेशन के 24 और साहू नगर पुलिस स्टेशन के 26 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। सांसद शेवाले कहते हैं कि कोरोना को मात देने वाले जो लोग डायबीटीज या फिर अन्य दूसरी बीमारी से पीडि़त हैं, वे प्लाज्मा दान नहीं कर सकते। जो स्वस्थ हैं, वही प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं, इसलिए पहले स्क्रीनिंग की जा रही है। 27 जुलाई को रिपोर्ट में फिट पाए गए लोगों का प्लाज्मा लिया जाएगा। इसके प्रोत्साहन के लिए सरकार ने एक विशेष पोर्टल बनाया है, जहां रजिस्ट्रेशन कर कोरोना फाइटर्स प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं।
मुंबई के धारावी मे एक अप्रैल को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। पहला मामला सामने आने के बाद डर था कि स्थिति बिगड़ सकती है। यहाँ 8 से 10 लाख आबादी वाले उस इलाके में एक छोटे से घर में 10 से 15 लोग रहते हैं। लेकिन लगभग 85% रिकवरी दर के साथ धारावी लगभग कोरोना मुक्त होता दिख रहा है। धारावी के नए आकड़ो की बात करे तो अब एक दिन में अभी सिर्फ पांच नए कोरोना के मामले सामने आये हैं।