मैं था धोनी का राइट हैंड-विराट कोहली का कप्तानी को लेकर बहुत बड़ा खुलासा
विराट कोहली जितना ही अपनी बल्लेबाजी को लेकर चर्चा में रहते हैं। उतना ही उनका नाम घूम फिरकर अक्सर उनकी कप्तानी के विवाद को लेकर सुर्खियों में रहता है। हाल ही में टीम के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने अपनी किताब में बताया था कि 2016-17 में विराट कोहली व्हाइट बॉल क्रिकेट में भी कप्तान बनने के लिए उत्सुक थे। उसके बाद तत्कालीन कोच रवि शास्त्री ने उन्हें समझाया था और विराट से सही समय का इंतजार करने के लिए बोला था। गौरतलब है कि 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर एमएस धोनी ने सभी को चौंकाया था और तब ही विराट को इस फॉर्मेट में कप्तान बनाया गया था। अब कप्तानी को लेकर ही विराट कोहली ने आरसीबी (Royal Challengers Bangalore) के पॉडकास्ट में एक बड़ा खुलासा किया है।
उन्होंने पॉडकास्ट में कहा कि एमएस धोनी ने ही उन्हें अपने उत्तराधिकारी के तौर पर चुना था। इससे पहले इसी पॉडकास्ट में विराट अपने और धोनी के करीबी रिश्ते को लेकर भी बात कर चुके थे। आगे उन्होंने कहा कि, धोनी से मुझे कप्तानी मिलने में कुछ भी अजीब नहीं था। उन्हें पता था कि दिल्ली के खिलाड़ियों के अंदर खेल की अच्छी समझ होती है। इसलिए उन्होंने मुझे चुना था। इसमें और दूसरी कोई भी बात नहीं थी। अगर आप कप्तान होते हैं और आपके नेतृत्व में कोई ऐसा होता है जो जिम्मेदारी संभाल सके और उपकप्तान भी हो तो ऐसा होता है।
मैं धोनी का राइट हैंड मैन था…
विराट ने आगे कप्तानी संभालने के बाद धोनी के साथ चर्चा करने पर भी कहा कि, मैं हमेशा उनके साथ चर्चा करता था और बात करता था कि फील्ड पर क्या करना चाहिए। मैं उनकी कप्तानी में भी उनको सुझाव देता था जिस पर हम काम करते थे। तो मैं हमेशा उनका राइट हैंड मैन था। मैं हमेशा खेल को समझता था और हमें उनके साथ आत्मविश्वास भी मिलता था। साथ ही टीम के लिए मैच विनिंग पारियां खेलने के बाद भी हमें कॉन्फिडेंस मिलता था। विराट कोहली ने अपनी कप्तानी में भारत को 68 में 40 टेस्ट, 95 में से 65 वनडे और 50 में से 30 टी20 इंटरनेशनल में बतौर कप्तान जीत दिलाई है। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसे देशों में भी शानदार जीत दर्ज की थीं।
लोगों ने मुझे फेल कैप्टन कहा…
विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया का प्रदर्शन आंकड़ों के हिसाब से अच्छा रहा लेकिन आईसीसी ट्रॉफी में वह टीम को जीत नहीं दिला सके। उन्होंने इसको लेकर कहा कि, आप टूर्नामेंट जीतने के लिए ही खेलते हैं। हम 2017 चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खेले, वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंचे और टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भी गए। फिर ही लोगों ने मुझे एक फेल कैप्टन कहा। लेकिन इस मुद्दे पर मैं कभी खुद को जज नहीं करता। जब हम एक टीम के तौर पर खेलते हैं तो हम इस पर ध्यान देते हैं कि क्या हमने पाया। मेरे लिए वहीं मैटर करता है। हम कल्चर पर ध्यान देते हैं। टूर्नामेंट एक समय के लिए होते हैं लेकिन कल्चर हमेशा बना रहता है। कल्चर के लिए आपको स्थिरता चाहिए होती है। इसके लिए आपको टूर्नामेंट जीतने से ज्यादा अधिक कैरेक्टर्स की जरूरत होती है।