विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शिक्षकों के विरोध के आगे घुटने टेकते हुए अकादमिक परफार्मेस इंडेक्स (एपीआइ) के निर्धारण का बदला स्वरूप वापस ले लिया है। उसने शिक्षकों के काम के घंटों का बंटवारा बहाल किया है।
उच्च शिक्षा सचिव वीएस ओबेराय ने बताया कि एसिस्टेंट प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों और प्रोफेसरों को क्रमशरू 16,14 और 14 घंटे प्रति सप्ताह छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभानी होगी। ऐसा यूजीसी के मानकों में आवश्यक संशोधन करके किया गया था। यूजीसी के सदस्य ओबेराय ने आश्वासन दिया कि काम के घंटों में कमी पर शिक्षकों की छंटनी नहीं होगी। बतौर एड-हॉक काम करने वाले लेक्चरर पर भी काम का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी यूजीसी की इन सिफारिशों को मंजूर करने का फैसला लिया है।