राजद के बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन आज शाही अंदाज में अपने समर्थकों और राजद कार्यकर्ताओं के जोरदार स्वागत के बीच 11 साल बाद जेल से बाहर आए। उन्होंने पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद की तारीफ की लेकिन साफ किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बीच कभी अच्छे संबंध नहीं रहे। सीवान से चार बाद सांसद रहे विवादास्पद नेता ने कहा, ‘‘मेरे लिए लालू प्रसाद नेता हैं और नीतीश कुमार परिस्थितियों के मुख्यमंत्री हैं।’’
वह आज भागलपुर संभागीय जेल से बाहर निकले और करीब तीन सौ गाड़ियों के काफिले के साथ सिवान रवाना हो गये। राजद की राष्ट्रीय समिति के सदस्य शहाबुद्दीन को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का करीबी समझा जाता है। नीतीश कुमार के 2005 में सत्ता में आने के बाद शहाबुद्दीन के खिलाफ कई लंबित मामले फिर से खोले गये और उन्हें जेल भेज दिया गया। हालांकि उन्होंने कहा कि जेल भेजना और रिहा करना अदालत की प्रक्रिया और उसका काम है। अदालत ने जेल भेजा और उसी ने ही उन्हें रिहा किया है। वर्ष 2014 में सीवान में दो सगे भाइयों पर तेजाब डालकर उनकी जान लेने के मामले के एक गवाह की हत्या में आरोपित शहाबुद्दीन को बुधवार को पटना उच्च न्यायालय से जमानत मिल जाने पर उनकी रिहाई संभव हो सकी है। उन्हें करीब 12 अन्य मामलों में पहले जमानत मिल चुकी है।
भागलपुर से राजद के लोकसभा सदस्य शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल ने यहां जहांगीर चौक पर शहाबुद्दीन कर स्वागत किया। जिले के नौघचिया में अन्य समर्थकों ने उनका स्वागत किया। शहाबुद्दीन ने कहा कि उनके लिए लालू प्रसाद नेता हैं। ‘‘हम सब उनके पीछे पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं पर राष्ट्रीय नेता नहीं हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि उनके नीतीश कुमार के साथ कभी भी अच्छे संबंध नहीं रहे।
सीवान पहुंचने पर उन्होंने कहा कि वह पत्रकार राजदेव रंजन के परिवार से मुलाकात करेंगे जिनकी हाल में हत्या कर दी गयी थी। राजदेव की हत्या के मामले में शहाबुद्दीन का निकट सहयोगी लड्डन मियां फिलहाल जेल में बंद हैं। हालांकि राजदेव की हत्या के समय सीवान जेल में बंद शहाबुद्दीन का नाम जांच में नहीं आया था पर उन्हें सीवान जेल से भागलपुर जेल हस्तांतरित कर दिया गया था। राजदेव के परिजन की मांग पर नीतीश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीबीआई से अनुरोध किया था।
जब संवाददाताओं ने पूछा कि लंबे समय तक जेल में रहने से क्या उन्हें राजनीतिक तौर पर कोई नुकसान हुआ है तो शहाबुद्दीन ने कहा, ‘‘थोड़ा नुकसान हुआ है।’’ शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब 2014 में सीवान से पिछला लोकसभा चुनाव भाजपा के ओमप्रकाश यादव से हार गयी थीं। जब शहाबुद्दीन से पूछा गया कि जेल में वक्त कैसे बिताया तो राजद नेता ने कहा कि उन्हें किताब पढ़ने का शौक है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जेल से चार कार्टन लेकर जा रहा हूं जिसमें दो किताबों से भरे पड़े हैं जो मैंने वहां रहने के दौरान पढ़ीं।’’
भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी के इस आरोप पर कि प्रदेश की वर्तमान महागठबंधन सरकार ने उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त किया है, शहाबुद्दीन ने कहा कि उन्हें गंभीरतापूर्वक नहीं लिया जाना चाहिए।