बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अनेक मामलों के सजायाफ्ता राजद नेता शहाबुद्दीन को जमानत मिलने के मामले में कहा कि अदालत में सरकारी पक्ष को पूरी निष्ठा, जवाबदेही और गंभीरता से रखा गया। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन बहुत साल जेल में रहे। वैसे यह न्यायिक प्रक्रिया है। वे अदालत के आदेश पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।
सुशील मोदी को बयान देने की बीमारी
कुड़मी सेना के करम महोत्सव में शामिल होने संक्षिप्त दौरे पर लौहनगरी पहुंचे नीतीश शनिवार को सर्किट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। दरअसल, वे शहाबुद्दीन प्रकरण में बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे। भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अदालत में ईमानदारी से पक्ष नहीं रखा। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि सुशीलजी पहले उनके सहयोगी थे तो ठीक थे। वैसे उन्हें बयान देने की बीमारी है। आमतौर पर उनके बयानों में गैर जिम्मेदारी की बातें रहती हैं। वे बेरोजगार हैं तो कुछ न कुछ बोलेंगे ही। हालांकि, शहाबुद्दीन प्रकरण में नीतीश से पूछे गए अधिकांश सवालों पर कन्नी काट गए।
सीएनटी-एसपीटी में बदलाव अनुचित
नीतीश ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी में बदलाव का प्रयास अनुचित है। अध्यादेश के जरिये पिछले दरवाजे से यह नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मॉल और बाजार बनाने के लिए व्यापारियों को जमीन देने के लिए अगर ऐसा बदलाव किया जाता है तो यह ठीक नहीं है क्योंकि इससे कितने लोगों को रोजगार मिलेगा पता नहीं। उन्होंने कहा कि यह सौ साल से पुराना कानून है और आदिवासियों एवं मूलवासियों के अधिकार को संरक्षित रखने के लिए बनाया गया था। इसलिए इसमें कोई बदलाव करना है तो विधानसभा से प्रस्ताव पारित होना चाहिए।