11 साल बाद जेल से रिहा हुए आरजेडी के पूर्व सांसद और बिहार के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की मुश्किलें जल्द ही बढ़ सकती हैं. चंद्रकेश्वर प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर शहाबुद्दीन को रिहा करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या का मामला शहाबुद्दीन पर चल रहा है. इसी मामले में शहाबुद्दीन को बेल मिली थी. चंद्रकेश्वर प्रसाद की ओर से मशहूर वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर की है.
इस याचिका में शहाबुद्दीन को मिली जमानत को खारिज करने की मांग की गई है. शहाबुद्दीन के लोगों पर आरोप है कि 2004 में चंद्रकेश्वर प्रसाद के दो बेटों सतीश और गिरीश को तेजाब से जलाकर मार दिया गया था. बाद में चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीसरे बेटे और मामले के चश्मदीद राजीव की भी कोर्ट में गवाही से कुछ दिन पहले 2014 में हत्या कर दी गई.
इस मामले में सीवान की अदालत ने शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. हाल में सीवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में शहाबुद्दीन के लोगों का नाम आने के बाद सीवान जेल से हटाकर भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था. पिछले हफ्ते ही शहाबुद्दीन को हाई कोर्ट से बेल मिल गई लेकिन रिहाई को लेकर बिहार सरकार निशाने पर आ गई. विपक्ष का आरोप है कि शहाबुद्दीन को बेल मिल जाए इसके लिए बिहार सरकार ने जानबूझकर कोर्ट में ढीला रवैया अपनाया.
सीवान में मीडिया से बात करते हुए चंद्रकेश्वर प्रसाद ने बताया- ‘मैंने हलफनामा और दस्तावेज भेज दिया है. या तो उस शख्स को बिहार से बाहर रखा जाए या फिर सजाए मौत दी जाए. हम सीबीआई से भी अनुरोध करेंगे. हम बुजुर्ग हैं और दवा खाकर जिंदा हैं. हमारा पूरा परिवार तबाह हो गया. हम केवल मौत का इंतजार करते हुए जीवन काट रहे हैं. हम सरकार से मदद भी चाहते हैं.’