भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने आईआईटी दिल्ली में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अब भारत की पहचान वैश्विक स्तर पर एक शक्तिशाली देश के रूप में होती है। उन्होंने कहा कि मैं जहाँ भी जाता हूँ वहां एक मजबूत बहस, और एक दूरदर्शी विजन मिलता हैं। यह शायद भारत के डीएनए में है।
आईआईटी के छात्रों से संवाद करते हुए उन्होंने कहा कि हमें हिंसक आतंकवाद के मूल कारणों पर हमला करना होगा और इसके लिए कड़ी मेहनत करनी होगी क्योंकि आंतकवाद से हर देश को नुकसान हो रहा है। केरी ने कहा कि अलकायदा, लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों का मुकाबला कोई एक राष्ट्र अकेले नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि, ऐसे समय में जब दूसरे देश फौज के बल पर मुद्दों को सुलझा रहे हैं वहीं भारत-अमेरिक कानून के जरिए मुद्दों को सुलझाने में भरोसा रखते हैं इसका ताजा उदाहरण भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री सीमा विवाद का है, भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान किया।
साथ दिल्ली में हो रही तेज बारिश पर चुटकी लेते हुए स्टूडेंट्स से पूछ लिया कि ‘आप लोग क्या यहां नाव से आए हैं?’ बता दें कि केरी की दिल्ली दौरे के दौरान यहां काफी तेज बारिश हो रही है। जिसके कारण केरी को दिक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है। सोमवार को बारिश के कारण केरी दिल्ली की सड़कों पर काफी देर तक जाम में फंसे रहे और आज यूएस दूतावास के सूत्रों ने बताया कि केरी के कई दौरे बारिश के कारण रद्द कर दिए गए हैं। भारत और पाक के बीच संवाद जारी है। जो कि थमी हुई प्रक्रिया को शुरु करने का तरीका है। ये स्पष्ट हआ है कि पाकिस्तान ने अपने यहां से जारी आंतकवाद को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। लेकिन पाकिस्तान को बचे हुए सभी आंतकवादियों का खात्मा करना चाहिए, जो कि दोनों देशों की बीच रिश्ते को मिटाने पर तुले हैं। अफगानिस्तान पर पूछे गए सवाल पर कहा कि ‘वहां पर शांति और स्थिरता बनाए रखना अमेरिका की जिमे्मदारी है। साथ ही कहा कि ऐसे समय में जब सभी देश बल के प्रयोग से मुद्दों का समाधान करने में जुटे है, ऐसे में अमेरिका-भारत नियम के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर काम कर रहे हैं। मेरा मानना है कि हमें उग्रवाद के पनपने की वजहों पर हमला करना चाहिए। हमें इस दिक्कत के तमाम वजहों को समझने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। क्योंकि ये हर स्थान, जगह और देश में फैला है।