फ्रेशर्स को जॉब देने की योजना बनाई है। कोरोना संकट के बावजूद कंपनी की सर्विस के लिए मांग में अच्छी है और आगे के लिए भी अच्छे ऑर्डर मिले हैं। इस वजह से कंपनी ने यह भर्ती करने करने का फैसला किया है।
कंपनी ने पिछले साल लगभग 9 हजार छात्रों को नौकरी दी थी, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी 15,000 छात्रों की भर्ती करेगी। इसमें कंपनी देश के प्रतिष्ठित बिजनस स्कूलों से 500 छात्रों की भर्तियां भी शामिल हैं। कोविड-19 के चलते जहां ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों को नौकरी के हटा रहें हैं, और सैलरी में कटौती कर रही हैं। वहीं देश की बड़ी आईटी कंपनी एचसीएल (HCL) ने अच्छी खबर देकर युवाओं में उत्साह भरा है एचसीएल टेक्नॉलजी वह इस वित्त वर्ष में 15 हजार लोगों को नौकरी देगी।
एचसीएल के एचआर हेड अप्पाराव वीवी ने कहा कि, “भर्ती दो मुख्य पैमानों पर होगी। इसमें ग्रोथ और खाली पदों को भरना शामिल है। पिछली और चालू तिमाही में कंपनी को छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है। यानी एट्रीशन रेट काफी घट गया है। इस तिमाही में लगता है कि एट्रीशन रेट सिंगल डिजिट में रहेगा। लिहाजा, बैक-फिल हायरिंग कम रहेगी। कर्मचारी के नौकरी छोड़ने पर उसके स्थान को भरने को बैक-फिल कहा जाता है। “
साथ ही अप्पाराव ने वैसे यह भी आशंका जताई कि कोविड-19 के चलते कैंपस हायरिंग में कुछ रुकावट आ सकती है। इसकी वजह यह है कि कैंपस खुल नहीं रहे हैं। छात्रों ने अब तक अंतिम साल की परीक्षाएं नहीं दी हैं।
उन्होंने बताया कि, “कंपनी पूरी तरह से वर्चुअल माध्यम से भर्ती कर रही है। जून तिमाही में कंपनी ने 1,000 कैंपस रिक्रूटमेंट किए हैं। फ्रेशर्स की औसत सैलरी अब भी 3.5 लाख रुपये है।”
खबरों के अनुसार, एचसीएल टेक के एचआर हेड न पीसी के दौरान कहा कि, “कोविड के कारण कैंपस प्लेसमेंट की रफ्तार धीमी है। इसने छात्रों की ग्रैजुएट की पढ़ाई में देरी और संस्थानों के सामान्य कामकाज में बाधा उत्पन्न की है। फ्रेशर्स का औसत वेतन 3.5 लाख रुपए रहेगा। उन्होंने कहा कि कंपनी की भर्ती प्रक्रिया वर्चुअल मोड में स्थानांतरित हो गई है।”
अप्पाराव ने कहा कि, “बड़ी संख्या में कर्मचारियों के वर्क फ्रॉम होम करने के बावजूद जून तिमाही में प्रोडक्टिविटी में इजाफा हुआ है। कंपनी के करीब 96 फीसदी कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं। 2 फीसदी उसके सेंटर्स और बाकी के 2 फीसदी ग्राहकों के परिसरों से काम पूरा कर रहे हैं। “
एचसीएल टेक प्रत्येक तिमाही में 3,500-4,000 लोगों को काम पर रखता है। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 के पहले तीन महीनों में इसने केवल 2,000 को काम पर रखा है।
एचसीएल 12वीं पास छात्रों की भी भर्ती करती है, जिन्हें एक साल का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें 9 महीने की क्लासरूम ट्रेनिंग और 3 महीने की नौकरी शामिल होती है। कंपनी एक जांच परीक्षा लेती है, जिसमें पास करने वाले छात्र बिट्स-पिलानी से इंजिनियरिंग करने के पात्र हो जाते हैं।
एचसीएल टेक ने 31 मार्च को खत्म हुए साल केफाइनेंशिल ईयर में 16.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 9.936 मिलियन डॉलर (लगभग 75 करोड़ रुपए) का रेवेन्यू दर्ज किया है। मैनेजमेंट के मुताबिक ये 16.5-17 प्रतिशत की बढ़ोतरी है, जो अच्छी बात है। हालांकि, कंपनी ने वित्त वर्ष 21 के रेवेन्यू को लेकर किसी तरह कागाइडेंस जारी नहीं किया है। कोरोनवायरस के चलते मांग में कमी आने के कारण अनिश्चितताएं बनी हैं।
कंपनी के 90 फीसदी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वहीं, 10 प्रतिशत कर्मचारी इस क्वार्टर से काम के लिए ऑफिस आ रहे हैं। लॉकडाउन हटने के बाद कंपनी वर्क फ्रॉम होम के कल्चर को 50-50 रेशियो में जारी कर सकती है। कंपनी इस फैसले को गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार ले सकती है, जिसमें आईटी/आईटीईएस कंपनियों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ ऑफिस में काम करना है। इस फैसले के पीछे की वजह सोशल डिस्टेंसिंग है।
कंपनी को इस बात की उम्मीद है कि कोरोनावायरस के चलते पहला क्वार्टर प्रभावित होगा। उसके ऊपर कीमत का दबाव, डिस्काउंट और पेमेंट एक्सटेंशन भी रहेगा।
बता दें कि आईटी कंपनी टीसीएस (TCS) ने भी इस वर्ष 44 हजार ग्रेजुएट फ्रेशर्स को नौकरी पर रखने की घोषणा की है।