महाराष्ट्र के चर्चित लोनार झील (lonar lake) को लेकर पिछले दिनों एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी. खबर थी कि महाराष्ट्र के बुलढाना जिले की मशहूर लोनार झील (lonar lake) का पानी अचानक लाल रंग में बदलने लगा था.
इस घटना को देखर आम जनता और वैज्ञानिक सभी हैरान थे. हालांकि इसको लेकर लगातार शोध किए जा रहे थे लेकिन कुछ ही समय में झील ने जिस तरह से अपना रंग बदला उससे शोधकर्ताओं को इस ओर ध्यान देते हुए पानी का रंग बदलने के कारण का पता लगाना पड़ा. कुछ महीनों बाद यानी अब इस रहस्य से पर्दा उठ गया है.
यह वजह है लाल रंग होने की पीछे
बताया जा रहा है कि पानी के अचानक लाल होने के बाद इसके पानी का सैम्पल लिया गया और जांच के लिए भेजा गया. पुणे स्थित एक संस्थान ने इस पर शोध किया और पता लगाया कि इस झील के पानी में ‘हालोआर्चिया’ नामक जीवाणु बड़ी संख्या में पैदा हो गये हैं, जिसकी वजह से झील का पानी लाल हो गया है.
इस बारे में जांच करने वाले आगरकर अनुसंधान संस्थान के डायरेक्टर डॉ. प्रशांत धाकेफाल्कर ने बताया कि हालोआर्चिया या हालोफिलिक आर्चिया एक ऐसा जीवाणु होता है जो गुलाबी/लाल रंग पैदा करता है. ये रंग पैदा करने वाला जीवाणु खारे पानी में पाया जाता है.
उन्होंने ये भी कहा कि शुरूआती जांच में हमें लगा था कि झील का लाल रंग दुनालीला शैवाल के लाल रंग के कारण हो गया है, लेकिन पानी के नमूनों की जांच के बाद हमें पता चला कि झील में हालोआर्चिया जीवाणु बड़ी संख्या में पानी में पनप गए हैं.
बताते चले कि झील के पानी को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट्स वन विभाग को भेजी गई है, जिसे विभाग बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ को सौपेंगा. ये रिपोर्ट्स झील का रंग बदल जाने संबंधी चिंताओं को लेकर दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान इस्तेमाल की जाएंगी.
ज्ञात हो कि महाराष्ट्र की लोनार झील एक लोकप्रिय पर्यटक केंद्र है. ये झील कुदरती तौर पर बनी हुई झील है जो करीब 50,000 साल पहले पृथ्वी पर एक धूमकेतु के टकराने से बन गई थी. ये अंडाकार झील हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र रही है और अपने पानी के अचानक रंग बदलने के कारण चर्चाओं में आ गई थी.