नई दिल्ली: फुटबॉल के अंदर और बाहर से हो रहे विरोध के बावजूद रूस में इस साल होने वाले विश्व कप में वीडियो सहायक रेफरी प्रौद्योगिकी (वार) का उपयोग किया जाएगा. फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेनटिनो ने यह जानकारी दी. इन्फेनटिनो ने कल फीफा परिषद की बैठक के बाद कहा, ‘‘पहली बार 2018 में विश्व कप में ‘वार’ का उपयोग किया जाएगा। इसको मंजूरी मिल गयी है और हम वास्तव में इस फैसले से बहुत खुश हैं.’’ फुटबॉल के नियमों से जुड़े अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ बोर्ड (आईएफएबी) ने दो सप्ताह पहले ही ज्यूरिख में इस प्रौद्योगिकी को हरी झंडी दिखा दी थी और फीफा परिषद ने उसे अंतिम मंजूरी दी.
विश्व कप 14 जून से 15 जुलाई के बीच रूस में खेला जाएगा. इस दौरान इस प्रौद्योगिकी (वार) का उपयोग यह पता करने के लिये किया जाएगा कि गोल हुआ या नहीं और पेनल्टी देनी चाहिए या नहीं. इसके अलावा ‘वार’ लाल कार्ड को लेकर भी फैसला करेगी और अगर किसी खिलाड़ी को गलती से सजा मिल गयी है तो उसमें सुधार करेगी. इन्फेनटिनो ने कहा, ‘‘हम मदद करना चाहते हैं और रेफरी को जब महत्वपूर्ण फैसले करने हों तब उनके लिये अतिरिक्त मदद की संभावना रखना चाहते हैं. विश्व कप में हम कई महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘वार से रेफरी को मदद मिल रही है और हम अधिक पारदर्शी और साफ सुथरा खेल चाहते हैं.’’ ‘वार’ का 2016 से 20 महासंघों ने प्रयोग के तौर पर उपयोग किया। इनमें जर्मन बुंडेसलिगा और इटली की सेरी ए भी शामिल है. अब तक लगभग 1000 मैचों में इसे आजमाया जा चुका है. वैश्विक तौर पर हालांकि इस प्रौद्योगिकी को समर्थन नहीं मिला और यहां तक कि यूरोपीय फुटबॉल संस्था यूएफा भी अभी इसको लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है.