Jaipur: रविवार को बसपा द्वारा कांग्रेस में गए अपने 6 विधायकों को व्हिप जारी करने के बाद लग रहा था कि गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है. लेकिन इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को बड़ी राहत मिली है. हाई कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय करने के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है. हाई कोर्ट में ये याचिका भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक मदन दिलावर की ओर से दायर की गई थी.
इससे पहले बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ स्पीकर सीपी जोशी के सामने याचिका दायर की थी. जिसे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद स्पीकर के सामने दायर याचिका पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर बीजेपी विधायक ने राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिका ख़ारिज कर दी.
उधर, बीजेपी विधायक की ओर से दायर इस याचिका में पक्षकार बनने के लिए बीएसपी ने भी सोमवार को अर्जी दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई करते कोर्ट ने आज कहा कि जब मदन दिलावर की याचिका ही खारिज हो गई तो पार्टी (पक्षकार) बनने की कोई जरूरत नहीं है.
दरअसल, ये पूरा मामला महीनो पहले का है. बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने 4 महीने पहले बसपा विधायक लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर, भरतपुर) के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ शिकायत की थी.
बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने अपनी ओर से दायर याचिका में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष से अपील की थी कि इन 6 विधायकों को दल-बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाये, लेकिन स्पीकर ने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद मदन दिलावर हाई कोर्ट पहुंच गए. इस बीच 24 जुलाई को स्पीकर ने शिकायत को निस्तारित कर दिया. लिहाजा हाई कोर्ट में अर्जी खारिज हो गई.
उधर, पिछले साल कांग्रेस (Congress) में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ने वाले अपने सभी छह विधायकों को विधानसभा में शक्ति परीक्षण यानी फ्लोर टेस्ट के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी (कांग्रेस) के खिलाफ मतदान करने का व्हिप जारी करने वाली बसपा को भी हाई कोर्ट के इस फैसले से बड़ा झटका लगा है.