राजस्थान सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. इस फैसले में प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा 12वीं तक के समेकित विकास के लिए एक नए बोर्ड का गठन किया है. राजस्थान कॉउन्सिल ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन और राजस्थान कॉउन्सिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को एकीकृत करते हुए इनके स्थान पर “राजस्थान कॉउन्सिल ऑफ स्कूल एजुकेशन” (RCSE)का गठन किया गया है.
राजस्थान के शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट करते हुए राजस्थान बोर्ड के एकीकरण व बोर्ड के नए नाम की सूचना दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि आज राज्य सरकार ने एक मत्वपूर्ण फैसला करते हुए प्रदेश में प्री-प्राइमरी से कक्षा 12 तक के समेकित विकास के लिए राजस्थान कॉउन्सिल ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन और राजस्थान कॉउन्सिल ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को एकीकृत करते हुए इनके स्थान पर “राजस्थान कॉउन्सिल ऑफ स्कूल एजुकेशन” (RCSE) का गठन किया गया है
शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में शासन सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में इस पर विधिवत सहमति जताते हुए निर्णय लिया गया. बैठक में उपस्थित मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने बताया कि प्रदेश में अब प्री-प्राइमरी से उच्च माध्यमिक स्कूल शिक्षा के लिए अब एक ही संस्था कार्य करेगी. बैठक में मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, स्कूल शिक्षा विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल, शासन सचिव, जनजातीय विकास विभाग गायत्री राठौड़, राज्य परियोजना निदेशक बीएल मीणा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी उपस्थित थे.
डोटासरा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा जारी की गई एकीकृत स्कूल शिक्षा योजना के क्रम में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद् एवं राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद् को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् में एकीकृत करने के प्रस्ताव को विधिवत अनुमोदित किया गया है. इसी के अंतर्गत अब परिषद् के वर्तमान विधान में संशोधन कर उसके स्थान पर भारत सरकार के निर्देशानुसार प्रस्तावित राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् का विधान लागू किया गया है. उन्होंने बताया कि दोनों परिषदों के उद्देश्यों एवं गतिविधियों को राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् में समाहित किया गया है.
बता दें कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कक्षा 10वीं का रिजल्ट आज यानी मंगलवार 28 जुलाई को घोषित किया है. इस परीक्षा में कुल 11 लाख छात्रों में से 80.63% उत्तीर्ण हुए हैं. कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा में लड़कियों ने फिर से लड़कों को पीछे छोड़ दिया है. इस साल लड़कियों का पास प्रतिशत 56.32% है और लड़कों का प्रतिशत 55.65% है. लड़कियों ने इस साल लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है.