राजस्थान में आज सियासी उठापटक का 22वां दिन है. राज्यपाल कलराज मिश्र के विधानसभा सत्र बुलाने सम्बंधित गहलोत कैबिनेट के प्रस्ताव के मंजूरी देने के बाद कुछ समय के लिए सूबे में सियासी हलचल थम गई थी. लेकिन अब एक बार फिर से राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) अपने कैंप के विधायकों को 3 स्पेशल चार्टर प्लेन के जरिये जैसलमेर भेजने की तैयारी में है.
जयपुर के फेयर मोंट होटल से बस के जरिये 53 विधायक एयरपोर्ट के लिए रवाना भी हो चुके है. बताया जा रहा है कि सभी को चार्टर्ड फ्लाइट में जैसलमेर भेजा जाएगा. बाकी विधायकों को दूसरे राउंड में भेजा जाएगा. यहाँ बता दें कि राजधानी जयपुर का फेयर मोंट होटल वही होटल है जहाँ कई हफ्तों से गहलोत सरकार को समर्थन देनें वाले विधायक ठहरे हुए है.
विधानसभा सत्र की तारीख के घोषणा के बाद से ही कांग्रेस विधायकों में हलचल तेज हो गया था. लगातार बैठकें हो रही थी. शुक्रवार सुबह से इस बात के कयास लगाये जाने लगे थे कि गहलोत कैंप के विधायकों को स्पेशल फ्लाइट के जरिए किसी अन्य शहर में शिफ्ट किया जा सकता है. और दोपहर होते-होते तक तस्वीर साफ़ भी हो गयी.
बताया जा रहा है कि संभावित रूप से गहलोत कैंप के इन विधायकों को जैसलमेर के सूर्यागढ़ और मैरिएट रिसोर्ट में ठहराया जायेगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने सरकार के समर्थन में लगातार 102 विधायकों के समर्थन के दावे करते रहे हैं. अब राज्यपाल कलराज मिश्र ने गहलोत सरकार को 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है. ऐसे में बताया जा रहा है बहुमत से महज कुछ विधायक अधिक होने की वजह से सीएम गहलोत की हालात भी उतनी ठीक नहीं है. यही वजह है की लगातार विधायकों की खेमेबंदी की जा रही है.
इससे पहले गुरुवार को सीएम गहलोत ने सत्र तय होने के बाद हॉर्सट्रेडिंग पर तंज कसते हुआ कहा कि, ‘कल रात से जब से विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का रेट बढ़ गया है. इससे पहले पहली किश्त 10 करोड़ और दूसरी किश्त 15 करोड़ रुपये थी. अब यह असीमित हो गई है. सब लोग जानते हैं कौन लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं.’
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