मुंबई: मुंबई में कोरोना का इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ के लोग भी बड़ी संख्या में इस बीमारी के चपेट में आए हैं. ऐसा मरीजों से सीधे संपर्क के चलते होता है, लेकिन अब इससे बचने के लिए बीएमसी ने एक तरकीब निकाली है. बीएमसी ने मरीजों तक दवा और खाना लेकर जाने वाली एक रोबोटिक ट्रॉली बनाई है.
यह मशीन खुद ही मरीज तक उसकी जरूरत का सामान लेकर पहुंचेगी. उम्मीद जताई जा रही है कि मरीजों और मेडिकल स्टाफ में संपर्क कम होने के बाद हेल्थ केयर से जुड़े लोगों के लिए सहूलियत होगी और उनमें संक्रमण भी कम फैलेगा.
मुंबई में करोना के इलाज के लिए बड़े-बड़े क्वारंटीन सेंटर बनाए गए हैं, कई नामी-गिरामी अस्पतालों में इलाज चल रहा है. डॉक्टर्स सुरक्षित किट पहन के मरीजों का इलाज करते हैं पर इसके बाद भी वे कई बार इलाज के दौरान मरीज से संपर्क में आ जाते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. कई डॉक्टरों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में यह मशीन बड़ी कारगर रहने वाली है.
यह मशीन आधुनिक तकनीक से बनी है जो मरीज की जरूरत के अनुसार दवा और खाना उस तक लेकर पहुंचेगी. इससे मरीजों और मेडिकल स्टाफ का संपर्क कम होगा, जिससे मेडिकल स्टाफ में बीमारी भी कम फैलेगी.
इस मशीन में आधुनिकतम सेंसर लगे हैं, मशीन के नीचे के हिस्से में पहिए लगे हुए हैं. मरीज की जरूरत के अनुसार रोबोटिक ट्रॉली खुद ही दवा लेकर उस तक पहुंच जाएगी.
मशीन से एक और सकारात्मक बात होगी कि डॉक्टरों की टीम द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली पीपीई किट के इस्तेमाल में भी कमी आएगी. कई बार देखने को मिल रहा है की पीपीई किट के लंबे समय तक इस्तेमाल के चलते डॉक्टर्स बीमार पड़ जाते हैं या बेहोश हो जाते हैं हैं. अब जब मरीजों से संपर्क में आने जरूरत कम होगी तो पीपीई किट का इस्तेमाल भी कम होगा.
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