नई दिल्ली: भीमा-कोरेगांव मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महाराष्ट्र सरकार अपनी जीत बता रही है जबकि कांग्रेस ने इस दावे को बीजेपी के भीतर हार का डर बताया है.
भीमा कोरेगांव केस में महाराष्ट्र पुलिस जिन पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुणे ले जाना चाहती थी, उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अपनी तरह से राहत दी है. इस फैसले में बेंच से अलग राय रखने वाले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इसे आजादी के हनन का मामला बताया. लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इसे पुलिस की जीत बता रहे हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘मैं यह मानता हूं कि पुणे पुलिस की यह बड़ी जीत इसके माध्यम से हुई है. लेकिन उसके बाद जीत यह देश की है.’ फडणवीस इतने पर भी नहीं रुके, उन्होंने कहा ‘इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. जिस तरह के सबूत पुलिस ने दिए थे, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सही ठहराया है. कोर्ट ने यह माना है, इसमें कोई राजनीतिक कारण नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना है कि यह विरोधी आवाज को दबाने की साजिश नहीं है.’
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की एसआईटी की जो मांग खारिज की है, बीजेपी उसे ही अपनी जीत बता रही है.
जबकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस की जांच में किसी भी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. और जब तक कोर्ट में साबित नहीं हो जाता किसी को दोषी करार देना गलत है.
भीमा कोरेगांव का मामला जितना अदालत का है उतना ही सियासत का है. इस मामले में कभी पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस करती दिखी तो कभी नेता बयान देते रहे. अदालती दखल ने इस बात की ओर ध्यान खींचा है कि देश के नागरिकों की आजादी सबसे अहम है.