पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अस्पताल प्रशासन विभाग और आई.एम.ए के पदाधिकारियों द्वारा आयोजित कार्यशाला में जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ एवं हाऊस कीपिंग स्टाफ को डेंगू एवं मलेरिया संबंधी जानकारी दी गई। इसके तहत अस्पताल परिसर में मच्छरों की उत्पत्ति रोकने हेतू आवश्यक दिशा-निर्देशों के बारे में अवगत कराया गया।
जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के विभिन्न विभागों में कार्यरत लगभग 100 लोगों को यह जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में अस्पताल प्रशासन की नोडल अधिकारी श्रीमती शिखा द्वारा डेंगू की जांच के बारे में विस्तृत विवरण दिया। आई.एम.ए. के पदाधिकारी डा. वी.के. मोंगा द्वारा डेंगू मरीजों की रोकथाम में होने वाली सामान्य परेशानियों के बारे में चर्चा की गई। स्वामी दयानंद अस्पताल के चिकित्सा विषेशज्ञ डा. गलेड बिन त्यागी द्वारा इस रोग के इलाज के बारे में विस्तार से बताया गया। जन स्वास्थ्य विभाग के सलाहाकार डा. एन.आर. दास द्वारा इस रोग के बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
जग प्रवेश चंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आदर्श द्वारा बताया गया कि प्रतिवर्ष बारिशों के मौसम में इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जाता है ताकि अस्पताल में कार्यरत सभी लोग अस्पताल परिसर में मच्छरों की उत्पत्ति से होने वाली बीमारियों की रोकथाम हो सके। डा. वी.के. मोंगा पूर्व चेयरमैन स्वास्थ्य समिति द्वारा बताया गया क्योंकि अस्पताल परिसर में बीमारियों की दृष्टि से उच्च जोखिम क्षेत्र है। अतः इस तरह की कार्यशाला प्रत्येक सरकारी एवं नीति अस्पताल में होनी चाहिए।
डा. डी. सोमशेखर (अतिरिक्त निगम स्वास्थ्य अधिकारी) द्वारा बताया गया कि इस साल बीमारियों से बचाव हेतू निगम पूरी तरह से तैयार है और बीमारी रोकने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उप स्वास्थ्य अधिकारी शाहदरा उत्तरी क्षेत्र द्वारा बताया गया कि उस्मानपुर क्षेत्र जमुना नदी के पास होने के कारण एवं एक तृतीयक परामर्श अस्पताल होने के कारण यहां बीमारी फैलने का खतरा हमेशा बना रहता है। अतः निगम इस क्षेत्र में मच्छरों से होने वाली बीमारियों को रोकने हेतु बाकी क्षेत्रों से ज्यादा प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि शाहदरा उत्तरी क्षेत्र में शीघ्र ही रेलवे के सहयोग से रेल द्वारा रेलवे लाईन के आसपास दवाई का छिडकाव किया जाएगा। इस संदर्भ में उपायुक्त शाहदरा उत्तरी क्षेत्र द्वारा उत्तरी रेलवे के विभागीय रेलवे प्रबंधक के नाम एक पत्र लिखा गया है जिसमें उत्तरी रेलवे के सहयोग से शाहदरा उत्तरी क्षेत्र में भी रेलवे लाईन के पास एकत्र हुए पानी में मच्छरमार दवाईयों का छिडकाव करवाने की शिफारिश की गई है। ज्ञात हो कि पूर्व में इस तरह की रेल द्वारा मच्छरमार दवाई का छिडकाव केवल शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र में ही किया जाता था।