पाकिस्तान ने अगले महीने यहां होने वाले दक्षेस सम्मेलन को टाल दिया है। संगठन के पांच सदस्य देशों के इस बैठक में शरीक नहीं होने का फैसला करने के बाद उसने यह कदम उठाया है। साथ ही, भारत ने जोर देते हुए कहा है कि इस्लामाबाद आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय भावना को मान्यता देने के लिए मजबूर हुआ है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘9-10 नवंबर 2016 को इस्लामाबाद में होने वाले 19वें दक्षेस सम्मेलन में शरीक नहीं होने और इस तरह दक्षेस प्रक्रिया को बाधित करने के भारत के फैसले की पाकिस्तान ने निंदा की है।’’ उसने दावा किया कि दक्षेस चार्टर की भावना का ‘उल्लंघन’ हुआ क्योंकि एक सदस्य देश के द्विपक्षीय समस्या का प्रभाव क्षेत्रीय सहयोग के इस बहुपक्षीय मंच पर पड़ा।
पाकिस्तान की घोषणा के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट किया, ‘‘हमने दक्षेस सम्मेलन टालने का पाकिस्तान का फैसला देखा है। वे आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय भावना को मान्यता देने के लिए मजबूर हुए हैं।’’ पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि इस्लामाबाद में सम्मेलन आयोजित करने की नयी तारीखों की घोषणा नेपाल के जरिए जल्द की जाएगी जो फिलहाल दक्षेस का अध्यक्ष है। इसने बताया, ‘‘इस मुताबिक, हमने नेपाल के प्रधानमंत्री को इसकी सूचना दे दी है।’’
इस बीच, दक्षेस की प्रभाविकता पर शुक्रवार को काठमांडो में एक क्षेत्रीय सम्मेलन हुआ। इसने तय जारीख पर 19वें सम्मेलन को रोकने का सुझाव दिया। इसने संगठन से यह भी अनुरोध किया कि यदि जरूरत हो तो इसके आयोजन स्थल को बदल दिया जाए। पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने दो दिवसीय सम्मेलन के निष्कर्ष को साझा करते हुए कहा, ‘‘अगला दक्षेस सम्मेलन बगैर किसी अनावश्यक देर के होना चाहिए।’’ ‘द हिमालयन टाइम्स’ ने उनके हवाले से बताया, ‘‘फिलहाल, इस्लामाबाद सम्मेलन टाल दिया गया है, पर सभी सदस्य देशों की सहमति से हम यथाशीघ्र संभावित तारीख पर अगले सम्मेलन के आयोजन के लिए एक वैकल्पिक जगह को तलाश करने के विचार पर चर्चा कर सकते हैं।’’
वहीं, पाक विदेश कार्यालय के बयान के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सम्मेलन में दक्षेस नेताओं की भागीदारी को लेकर उनका स्वागत करने की आशा कर रहे थे। सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सारी तैयारियां हो गई थीं। इसने आरोप लगाया कि सम्मेलन को पटरी से उतारने का भारत का फैसला क्षेत्र में गरीबी के खिलाफ लड़ने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले का विरोधाभासी है।
पाक विदेश कार्यालय ने कहा, ‘‘उरी घटना को लेकर बेबुनियाद धारणा के आधार पर सम्मेलन से अनुपस्थित रहने का भारत का फैसला कश्मीर में भारत द्वारा की जा रही ज्यादती से दुनिया का ध्यान भटकाने की एक नाकाम कोशिश है।’’ उसने कहा, ‘‘पाकिस्तान दक्षेस के तहत क्षेत्रीय सहयोग को पाक काफी महत्व देता है…इसलिए, पाकिस्तान यथाशीघ्र इस्लामाबाद में 19वें दक्षेस सम्मेलन का आयोजन करने को प्रतिबद्ध है ताकि क्षेत्रीय सहयोग का उद्देश्य दक्षेस के तहत अधिक तत्परता से बढ़ाया जा सके।’’ भारत के अलावा तीन अन्य देशों- बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने सम्मेलन से दूरी बना ली है। इन देशों ने सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सही माहौल नहीं बनने को लेकर पाकिस्तान को परोक्ष रूप से जिम्मेदार ठहराया है। श्रीलंका ने भी शुक्रवार को दक्षेस सम्मेलन से अपने पैर पीछे खींच लिए। वह ऐसा करने वाला पांचवां देश बन गया।
गौरतलब है कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से लगातार आतंकवाद को प्रायोजित किए जाने का जिक्र करते हुए भारत ने इस हफ्ते की शुरूआत में घोषणा की थी कि मौजूदा हालात में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित दक्षेस शिखर सम्मेलन में भाग लेने में सक्षम नहीं है। दक्षेस के सदस्य देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल और मालदीव, पाकिस्तान तथा श्रीलंका शामिल हैं।