राजनीतिक दलों को आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग पर अटके रहने के बजाय पहले पूरी बात समझने के लिए मेहनत करनी चाहिए। यह बात आज केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही। उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से राजनीतिक दल इस लेबल, विशेष दर्जे और इसे मुद्दा बनाने पर अटके हुए हैं।’’ उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उनसे अपील करूंगी कि वे समझने के लिए थोड़ी मेहनत करें कि केंद्र ने आंध्र प्रदेश को क्या कुछ दिया है। यह अर्थव्यवस्था को तेजी प्रदान करेगा या नहीं इसे गतिशील बनाएगा या नहीं, इस मामले पर चर्चा तथ्यों पर होनी चाहिए न कि भावनाओं के आधार पर।’’
वह आंध्र प्रदेश के भाजपा नेतृत्व के साथ बैठक के बाद बोल रही थीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा प्रदान करने के वादे को पूरा नहीं कर रही है और यह वायदा संप्रग सरकार ने किया था। आंध्र प्रदेश में इस मुद्दे पर चर्चा बंद करने पर जोर दते हुये सरकार ने गुरुवार को कहा था कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के बाद राज्यों के लिए विशेष दर्जा प्रदान करने की प्रणाली चलन से बाहर हो गई है।
सीतारमण ने कहा कि भावनाएं महत्वपूर्ण हैं और हर कोई इस नवगठित राज्य के साथ सहानुभूति जता रहा है जो वित्तीय तौर पर भयानक स्थिति में है और सभी राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी से अपील करेंगे कि वे पैकेज के ब्योरों को देखें, तथ्यों को देखें और यह देखें कि क्या प्रतिबद्धताएं जताई गई हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारी-भरकम राजस्व घाटे से जूझ रहे आंध्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्र ने राज्य के साथ मिलकर काम किया है ताकि चौतरफा विकास हो सके। केंद्रीय मंत्री ने ये भी कहा कि पोलावरम में राष्ट्रीय परियोजना पूरी तरह से केंद्र सरकार की मदद से तैयार होगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह राज्य की आर्थिक स्थिति के लिए महत्वपूर्ण है।’’ इस पैकेज में पोलावरम के लिए पूर्ण वित्तपोषण, पोलावरम सिंचाई परियोजना, कर रियायत और विशेष सहायता शामिल है।