योजना आयोग के बाद अब मोदी सरकार पंचवर्षीय योजनाओं को भी बंद करने करने का प्लान बना रही है. मोदी सरकार ने मौजूदा पंचवर्षीय योजना की जगह 15 वर्षीय योजना शुरू करने का फैसला लिया है. मौजूदा पंचवर्षीय योजना अगले साल मार्च तक चलेगी|
सूत्रों के मुताबिक, विकास के इस विजन को एक पॉलिसी में बदलने के लिए मोदी सरकार नेशनस डेवलपमेंट एजेंडा (NDA) के तहत सात साल की रणनीति तैयार करेगी. नई प्लानिंग के मुताबिक, पंचवर्षीय योजनाओं के क्षेत्र में इजाफा करते हुए इसके एजेंडा सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों के अलावा रक्षा और आंतरिक सुरक्षा जैसे मुद्दे भी शामिल होंगे|
2019-20 में होगा मिड-टर्म अप्रेजल
‘एनडीए’ की हर तीन साल में समीक्षा होगी और इसका मिड-टर्म अप्रेजल 2019-20 में होगा. इसी समय अगला फाइनेंस कमिशन अवॉर्ड लागू किया जाएगा और नई लोकसभा भी चुनी जाएगी. पीएमओ से जुड़े सूत्र के मुताबिक, इस एजेंडे को फाइनेंस कमिशन के साथ जोड़कर सरकार आर्थिक संसाधनों की उपलब्धता पुख्ता करना चाहती है|
नेहरू ने शुरू की थी योजना
बता दें कि मोदी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद योजना आयोग को समाप्त कर दिया था, जिसकी स्थापना देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने ही 1950 में की थी. मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर नीति आयोग कर दिया. अब यह प्लानिंग के लिए फंड मुहैया कराने की प्रक्रिया में शामिल नहीं है. नेहरू ने ही पंचवर्षीय योजना शुरू की थी|