राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल अगले साल जुलाई में समाप्त होने जा रहा है। उन्होंने अपने करीबियों को संकेत दिया है कि वे फिर से राष्ट्रपति बनने के इच्छुक नहीं है। साथ ही भाजपा द्वारा उन्हें फिर से नॉमिनेट करने की भी नहीं सोच रहे। मुखर्जी 80 साल के हो चुके हैं। अपने कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों और दस्तावेजों का भी निपटारा कर रहे हैं। इसी बीच नरेंद्र मोदी सरकार प्रणव मुखर्जी की जगह लेने वाले व्यक्ति पर फैसला नहीं ले पाई है।
सुपरस्टार अमिताभ बच्चन, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ,एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत, राज्यपाल राम नाईक और द्रोपदी मुर्मु के नाम सामने आ रहे हैं। पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद से अमिताभ बच्चन का नाम बाहर हो गया। शरद पवार के नाम पर भी अटकलें लगाई जा रही है। वे हर परिस्थिति के लिहाज से उपयुक्त है। द्रोपदी मुर्मु पहली आदिवासी महिला हैं जो राज्यपाल बनी हैं। वहीं थावरचंद गहलोत मोदी कैबिनेट में दलित चेहरा है। राष्ट्रपति उम्मीदवार को फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आरएसएस से चर्चा करने के बाद लेंगे।