नई दिल्ली। भाजपा ने दिल्ली सरकार पर शिक्षा का स्तर सुधारने के बजाय इसे लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि 9वीं कक्षा में काफी संख्या में विद्यार्थियों के फेल होने का मामला गंभीर है, इसलिए इस पर राजनीति करने के बजाय इसका हल निकालना चाहिए। राज्य सरकार यदि इस विषय को लेकर गंभीर होती तो शिक्षा से संबंधित बिल संवैधानिक तरीके से विधानसभा में पेश करती, लेकिन सरकार ने नियमों का उल्लंघन कर शिक्षा सहित कई बिल विधानसभा में पास किया है।
अब उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया यह आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार 14 महत्वपूर्ण बिल को मंजूरी नहीं दे रही है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस संबंध में बुधवार को उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि जब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी फेल हो रहे हैं तो दिल्ली सरकार किस आधार पर सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरने का दावा कर रही है? सरकार कह रही है कि शिक्षा के अधिकार के तहत आठवीं कक्षा तक किसी भी विद्यार्थी को फेल नहीं किए जाने के कारण नौवीं कक्षा में इतनी संख्या में विद्यार्थी फेल हो रहे हैं। भाजपा भी इससे चिंतित है और इसका संवैधानिक हल निकालने की जरूरत है, लेकिन दिल्ली सरकार इस मुद्दे को लेकर शुरू से ही राजनीति करती रही है।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार को दिल्लीवासियों को बताना चाहिए कि जब विधायकों के वेतन व भत्तों को बढ़ाने संबंधी बिल का सशोधित प्रस्ताव भेजा जा सकता है तो 9वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के हित वाला बिल अब तक क्यों नहीं संशोधित प्रस्ताव के रूप में भेजा गया?