आने वाले दिनों में दिल्ली के लोगों को बिजली की किल्लत का सामना नहीं करना पडेगा, क्योंकि बिजली के मामले में सोलर पॉलिसी दिल्ली की दशा बदलने जा रही है। लोग अपने घरों पर सोलर पैनल लगवा सकेंगे और इसके लिए उन्हें कुछ खर्च भी नहीं करना पड़ेगा। सरकार द्वारा निर्धारित कंपनियां लोगों के घरों पर सोलर पैनल लगाएंगी और बिजली बेचेंगी। जिस के घर पर सोलर पैनल लगा होगा, उन्हें सस्ते में बिजली देंगी। वहीं लोग अपने खर्च पर भी अपनी छत पर सोलर पैनल लगवा सकेंगे और उपयोग कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट के बाद ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने सोमवार को सौर ऊर्जा नीति को मंजूरी दे दी।कैबिनेट के बाद ऊर्जा मंत्री जैन ने बताया कि सौर ऊर्जा पैनल के माध्यम से 2020 एक हजार मेगावाट और 2025 तक 2000 मेगावाट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है। ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी, दिल्ली सरकार एवं प्राइवेट क्षेत्रों की बिल्डिंग पर भी सोलर पैनल लगाए जा सकेंगे। इससे जो भी बिजली पैदा होगी उसकी उस बिजली की साल के अंत में मीटरिंग की जाएगी।
यह मीटरिंग व्यक्तिगत एवं ग्रुप में की जाएगी। सत्येन्द्र जैन ने बताया कि इसके लिए इन्द्रप्रस्थ पॉवर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड,आइपीजीसीएल को नोडल एजेंसी बनाया गया है। जो इसके लिए चयनित कंपनियों से तालमेल करके सोलर पैनल लगवाने एवं इससे जुड़ी अन्य प्रािढयाओं पर नजर रखेगी। जैन ने बताया कि 200 किलोवाट तक के सोलर पैनल के लिए इंस्पेक्टर के सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं पडेगी। 200 किलोवाट तक सेल्फ सर्टिफिकेशन किया जा सकता है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सोलर पैनल को दो मॉडल में स्थापित किया जाएगा। रेस्को मॉडल के तहत सोलर पैनल लगाने का सारा खर्च पैनल लगवाने वाले को देना होगा।
साथ ही इसके मैंटेनेंस का खर्च भी लगवाने को ही वहन करना पडेगा। लेकिन कैपिटल मॉडल के तहत सोलर पैनल लगाने एवं इसके मेंटेनेंस का खर्च वेंडर को वहन करना पडेगा, जिसके बाद उससे दो रुपये प्रति यूनिट से हिसाब से बिजली खरीदनी पडेगी।
जैन ने कहा कि अक्सर सोलर पैनल लगने से छत पूरी तरह से घिर जाती थी, इसीलिए लोग इसे लगवाने में असुविधा महसूस करते थे लेकिन अब कंपनिया छत से दो मीटर ऊपर सोलर पैनल लगाएंगी। जिससे लगवाने वाले को कोई परेशानी नहीं होगी और वह पूरी छत का इस्तेमाल कर सकेगा। इसके लिए भवन उपनियम में बदलाव किया गया है।