प्रदेश सरकार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य कर्मचारियों की कई लंबित मांगों पर फैसले की तैयारी में है। मकान किराया भत्ते (एचआरए) में बढ़ोतरी सहित आधा दर्जन से अधिक मांगों पर विचार का प्रस्ताव मुख्य सचिव समिति को भेजा गया है। समिति की बैठक जल्द ही होगी।
सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों के एचआरए में 25 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव है। इसी तरह ग्राम्य विकास, पंचायतीराज व राजस्व सहित कई विभागों के विभिन्न काडर से जुड़े कर्मचारी 100 रुपये महीने साइकिल भत्ता पा रहे हैं। कर्मचारी संगठन इसे अर्से से बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
जानकार बताते हैं कि शासन ने साइकिल भत्ते को मोटरसाइकिल भत्ते में बदलने का मन बना लिया है। इसके लिए तैयार प्रस्ताव के मुताबिक इस पर करीब 180 करोड़ रुपये सालाना खर्च आने की संभावना है।
इन दोनों प्रस्तावों पर सरकार यदि सहमति देती है तो ज्यादातर कर्मचारी इसका फायदा पाएंगे। ऐसे में चुनाव से पहले इन प्रस्तावों पर फैसले की संभावना बढ़ गई है।
ग्रेड बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी होगा विचार
इसी तरह कई संवर्गों के ग्रेड पे उच्चीकरण का प्रस्ताव भी विचाराधीन है। इसमें परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत जिला प्रशासनिक अधिकारी पदनाम पर कार्यरत कर्मी भी शामिल हैं। इन्हें वर्तमान में 4200 ग्रेड पे मिल रहा है जबकि ये 5400 की मांग कर रहे हैं।
बाल विकास पुष्टाहार विभाग में कार्यरत बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) भी 4200 ग्रेड पे में हैं। इन्हें भी 5400 ग्रेड पे चाहिए। औषधि निरीक्षक का पदनाम बदलकर वेतन विसंगति दूर करने की मांग भी शासन स्तर पर विचाराधीन है।
सूत्र बताते हैं कि सरकार ग्रेड पे बढ़ाने और वेतन विसंगति से जुड़े अन्य प्रस्तावों पर भी विचार को तैयार हो गई है। इन सभी मामलों को विचार के लिए मुख्य सचिव आलोक रंजन की अध्यक्षता वाली मुख्य सचिव समिति को भेज दिया गया है। इस समिति में प्रमुख सचिव वित्त और प्रमुख सचिव कार्मिक के अलावा प्रस्ताव से संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव बतौर सदस्य शामिल हैं।
कैबिनेट से लेनी होगी मंजूरी
शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्य सचिव समिति यदि इन प्रस्तावों पर सहमति देती है तो इसे जल्द से जल्द कैबिनेट से भी मंजूरी लेनी होगी। कैबिनेट की हरी झंडी के बाद ही प्रस्तावों पर अमल हो सकेगा।