राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से गठित तकनीकी समिति ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण के काम पर गंभीर सवाल उठाया है। 2013 में यहां पर आयी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी और हजारों लोग देखते ही देखते उस पानी की लहर में समा गए थे।
इस बारे में वैज्ञानिकों और विभिन्न एजेंसियों के सिविल इंजीनियर जैसे वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ज्योलॉजी, ज्योलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी की तरफ से ये दावा किया गया है कि केदारनाथ में मंदाकिनी और सरस्वती के संगम पर जो नया घाट बनाया गया है उसने मंदाकिनी के पानी बहाव को रोक दिया है जिसकी वजह से उसकी गति और तेज हो गई है।