नई दिल्ली. एनजीओ पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई की है. देश के विभिन्न राज्यों में पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप के चलते गृह मंत्रालय ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है. देश के करीब 20,673 एनजीओस के खिलाफ ‘विदेशी अभियान विनियमन अधिनियम’ मतलब ‘एफसीआरए 2010’ के तहत हुई कार्रवाई के बाद उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. इसमें उत्तरप्रदेश के 1,848, बिहार के 1,101, केरल के 1,143, कर्नाटक के 1,444 और जम्मू-कश्मीर के 64 गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं. अब यह सभी एनजीओ (NGO) विदेश से आर्थिक मदद नहीं ले सकेंगे.
खास बात है कि ‘विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम’ के बाद महज पांच-दस फीसदी लाइसेंस पहले चार वर्षों में रद्द किए गए थे. उसके बाद साल 2015 से इन संगठनों की गहन छानबीन शुरू हुई. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए विशेष टीम का गठन किया था. इस कार्य में वित्त एजेंसियों की मदद ली गई. जांच में सामने आया कि बहुत से एनजीओ तय नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. जिस मकसद के लिए गैर सरकारी संगठनों को एफसीआरए का लाइसेंस दिया जाता है वह उस पर काम नहीं कर रहे हैं.
सरकार ने जब इन सभी संगठनों की जांच की तो पाया गया कि जिस कार्य के लिए संगठन बनाया गया था उसकी जगह वहां कुछ और ही काम चल रहा था. बहुत से संगठनों का इस्तेमाल धर्म व अन्य किसी जाति विशेष को दूसरी दिशा में ले जाने के लिए किया जा रहा था. इस जांच में यह भी पाया गया कि एफसीआरए के तहत जो नियम बनाए गए थे उसका पालन नहीं हो रहा था. कुछ ऐसे संगठनों का नाम भी इसमें शामिल है जिन की नींव ही फर्जी दस्तावेजों पर आधारित थी.
कृषि, स्वास्थ्य, क्रेडिट यूनियन प्रमोशन कमेटी, डालमिया सेवा ट्रस्ट, ग्रामीण विकास, पर्यावरण, कंसर्न ऑफ इंडिया स्कूल, बच्चों की देखदेख, बुजुर्गों की सेवा, संस्कृति का प्रचार प्रसार, लाइब्रेरी नेटवर्क, जल बचाओ, विभिन्न समुदायों के संगठन और कई सस्थाओं ने भी अपने नाम पर एफसीआरए का लाइसेंस ले रखा था. इसीलिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 20,673 एनजीओस के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. दूसरी ओर इसके उल्लंघन के चलते केंद्र सरकार ने 6676 सस्थाओं के पंजीकरण प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है.
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