कश्मीर हिंसा में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राज्यसभा गुलाम नबी आजाद द्वारा कश्मीर हिंसा पर बहस के लिए दी गई नोटिस के बाद 2 बजे इस विषय पर चर्चा शुरू हुई। इस पर राज्यसभा में हो रही चर्चा पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण है।
राजनाथ ने कहा कि मैंने महबूबा को फोन कर कहा, मैं स्वयं कश्मीर आकर लोगों से बातचीत करना चाहूंगा। उन्होंने आगे कहा कि महबूबा ने भी स्वयं दिल्ली आने और बातचीत करने पर विमर्श की बात कही है। बुरहान पर राजनाथ ने कहा कि वो आतंक को बढ़ा रहा था।
पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में हस्तक्षेप करने पर राजनाथ ने कहा कि वो कश्मीर के नौजवानों को उकसाते हैं। तथाकथित जनमत संग्रह की बात करते हैं। हम पूरी कोशिश करेंगे कि कश्मीर के नौजवानों को सही रास्ते पर लाया जाए। इसके साथ ही क्या हकीकत है उसको सामने लाने की कोशिश की जा रही है।
राजनाथ ने आगे कहा कि पाकिस्तान की हरकतें नापाक है। मजहब के नाम पर पाकिस्तान भम्र फैला रहा हैं। पाकिस्तान को दो टूक जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि भारत के मुसलमानों की फिक्र पाकिस्तान ना करे। गृहमंत्री ने कहा कि हम अपने नौजवानों की फिक्र करेंगे। भारत के पास पोटेंशियल है और विश्व की ताकत बनने की क्षमता है।
राजनाथ ने कहा कि ‘जो कुछ भी हो रहा है वो पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है। कहने को नाम पाकिस्तान है पर हरकतें सारी नापाक हैं। उन्होंने कहा कि एक हमारे देश में कोई आतंकवादी मारा जा रहा है, और हमारे आंतरिक मामलों में पाकिस्तान हस्तक्षेप करेगा? इतना ही नहीं पाकिस्तान में ब्लैक डे मनाया गया। ये हालात है, नाम है पाकिस्तान।’
राजनाथ ने कहा कि आतंकियों के साथ सख्ती होगी और हो रही है। साथ ही आम जनता के साथ सहानुभूति है।राजनाथ ने जानकारी दी कि इस हिंसा में 1,744 घायल नागरिको का इलाज कराया गया और वो डिस्चार्ज हो चुके हैं। साथ ही 1,671 जवान घायल हुए और 1 जवान की मौत हुई है। राजनाथ ने बल प्रयोग पर कहा कि हमने कहा है कि घातक हथियारों का प्रयोग न किया जाए।
इससे पहले चर्चा की शुरूआत करते हुए गुलाम नबी आजाद ने पीडीपी बीजेपी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 1990 में भी ऐसे हालात नहीं थे। उन्होंने कहा कि घाटी में अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं।
आजाद ने सरकार को भरोसा दिलाया कि विपक्ष आतंकवाद के मुद्दे पर सरकार के साथ है। हालांकि सरकार पर हमलावर होते हुए आजाद ने कहा कि गोली का इस्तेमाल बेरहमी के साथ किया गया और वहां की आम जनता के साथ अच्छा सूलूक किया जाए। उन्होंने कहा कि आतंकियों और जनता में फर्क किया जाना चाहिए।
आजाद ने कहा कि वे इस बात का दावा नहीं कर रहे हैं कि कांग्रेस के शासन में कश्मीरी लोग पूर्णतया विश्वास में थे लेकिन वहां किसी कोने में विश्वास का भाव था। टीवी चैनलों पर हो रही प्राइम टाइम बहसों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ये सिर्फ हिन्दू और मुस्लिम को लड़ाने का काम कर रहे हैं।