सरकार ने आज कई क्षेत्रों के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों में ढील दी है. इनमें नागर विमानन, एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र, रक्षा तथा फार्मास्युटिकल शामिल हैं. इन क्षेत्रों में स्वत: मंजूर मार्ग से और अधिक सीमा में निवेश की छूट दी गई है. जिन अन्य क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार किया गया है उनमें खाद्य उत्पादों का ई-कामर्स क्षेत्र, प्रसारण कैरेज सेवाएं, निजी सुरक्षा एजेंसियां तथा पशुपालन शामिल हैं.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब एक छोटी ‘नकारात्मक’ सूची को छोडकर ज्यादातर क्षेत्र में एफडीआई स्वत: मंजूर मार्ग के तहत की जा सकती है. इन बदलावों के बाद अब भारत एफडीआई के मामले में भारत दुनिया में सबसे खुली अर्थव्यवस्था होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में एफडीआई व्यवस्था को और उदार करने का फैसला किया गया। इसका मकसद देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन देना है. यह एफडीआई क्षेत्र में दूसरा प्रमुख सुधार है. इससे पहले केंद्र ने पिछले साल नवंबर में विदेशी निवेश व्यवस्था में उल्लेखनीय रूप से ढील दी थी.
एविएशन सेक्टर में सौ फीसदी विदेश निवेश की मंजूरी
इन प्रमुख फैसलों के तहत सरकार ने अनुसूचित (नियमित समय-सारिणी पर चलने वाली) हवाई परिवहन सेवाओं- नियमित समय सारिणी के अनुसार परिचालित यात्री-सेवा एयरलाइनों तथा क्षेत्रीय हवाई परिवहन सेवा में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है. इस नई व्यवस्था में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति स्वत: मंजूर मार्ग से तथा उसके उपर की हिस्सेदारी सरकार की मंजूरी लेकर की जा सकेगी.
फिलहाल अनुसूचित एयरलाइंस में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति है. प्रवासी भारतीयों के लिए स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति बनी रहेगी. बयान में कहा गया है कि विदेशी एयरलाइनों को भारत में अनुसूचित तथा गैर अनुसूचित हवाई परिवहन सेवाओं का परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियों में उनकी चुकता पूंजी के 49 प्रतिशत के बराबर निवेश की अनुमति बनी रहेगी.
इसके लिए उन्हें मौजूदा नीति में तय शर्तों को पूरा करना होगा. मौजूदा हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण तथा उच्च मानदंड स्थापित करने और हवाई अड्डो का दबाव कम करने के लिए पुराने अड्डों की परियोजनाओं में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी गई है. अभी तक पुराने हवाई अड्डो में 74 प्रतिशत से अधिक एफडीआई के लिए सरकार की मंजूरी लेनी होती थी. रक्षा क्षेत्र के लिए उन मामलों में मंजूरी मार्ग से 49 प्रतिशत से उपर भी एफडीआई की अनुमति दी गई है जिनसे देश को आधुनिक प्रौद्योगिकी प्राप्त हो सकती है. सरकार ने ‘अत्याधुनिक’ प्रौद्योगिकी के प्रावधान को समाप्त कर दिया है.