नई दिल्ली। खानपान में जंक फूड व अल्कोहल के अधिक इस्तेमाल व हेपेटाइटिस की बीमारी के प्रभाव के चलते लिवर खराब होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए एम्स ने अब लाइव डोनर (जीवित रहते लिवर दान करने वाले) लिवर प्रत्यारोपण की शुरुआत कर दी है। हाल ही में दो मरीजों को उनके परिजनों द्वारा लिवर दान करने के बाद प्रत्यारोपित किया गया है। एम्स की इस पहल से लिवर फेल्योर के मरीजों को लिवर प्रत्यारोपण का बेहतर विकल्प मिलेगा। विशेष बात यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। अभी सीमित संसाधन के चलते एम्स इस पहल का ज्यादा प्रचार-प्रसार नहीं करना चाहता है। यही वजह है कि इस विषय को गोपनीय रखा गया है। एम्स ट्रॉमा सेंटर विस्तार परियोजना के तहत संस्थान में पाचन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए अलग सेंटर का निर्माण किया जाना है।